
जीवन के प्रत्येक पग पर संघर्ष करती है, ये बेटियां।
राहों में गिरती और स्वयं संभालती है, बेटियां।
कुछ पाने की चाह नहीं, कुछ खोने का डर नही।
हर पल सुगंध बिखेरती है, ये बेटियां।
बेटों की चाह में ये जीने वाले,
बेटों से बढ़कर होती है, बेटियां।
पत्नी,माता,बहन का रूप बनकर,
सभी के दुःख दर्शकों समझती है, ये बेटियां।
सबको हिम्मत देकर स्वयं हिम्मत रखने वाली,
समय के हर सांचे में ढलती है ये बेटियां।।
सूने,पराए आंगन को महका कर भी,
दहेज की ज्वाला में जलती है ये बेटियां।।